हनुमान जयंती 2022 | Hanuman jainti |2022
Jai Hanuman
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| जय हनुमान जी |
हनुमान जन्मोत्सव ( जयंती ) 2022 | Hanuman janmotsav (जयंती) 2022
Table of contents
1. हनुमान जयंती कब मनाया जाता है
2.हनुमान जयंती कँहा मनाया जाता
4.हनुमान जयंती कई नाम
5.हनुमान जयंती के पौराणिक कथा
6.हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती कब मनाया जाता है
भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, हनुमान जयंती का त्योहार उनमें महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | हनुमान जयंती का त्योहार हर वर्ष चैत्र माह के पूर्णिमा को मनाया जाता है | इस वर्ष २०२२ में हनुमान जयंती 1६ अप्रैल २०२२ को मनाया जाना है | हनुमान जयंती ( चैत्र नवरात्रि ) हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है| | इस वर्ष २०२२ में हनुमान जयंती १6 अप्रैल २०२२ को मनाया जायेगा |
हनुमान जयंती पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है | खास कर उत्तर भारत में बहुत धूम धाम से हनुमान जयंती मनाते है |इसके आलावा नेपाल वर्मा भूटान इत्यादि देशों में भी बहुत धूम धाम से मनाया जाता है | विदेशों में रहने बाले भारतवासी अपने देशों में धूमपवित्र धाम से हगदा नुमान जयंती मनाते है |
हनुमान जयंती का इतिहास
हनुमान जयंती श्री हनुमान के जनम दिवस के रूप में पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है | पौराणिक मान्यता एवं इतिहासिक प्रमाण के अनुसार भगवान श्री हनुमान का जन्म ५८ हजार वर्ष पहले त्रेता युग के समाप्त होने से पहले चैत्र माह के पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नछत्र एवं मेष लगन में प्रातः ६. 30 में ,झारखण्ड के गुमला जिला के आंजन गांव के एक गुफा में हुआ था | उनको पवन -पुत्र कहा जाता है और माता का नाम अंजनी था |
पौराणिक मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में धरती पर असुरों के अत्याचार का नाश करने के लिए सातवाँ अवतार लिया था | भगवान श्री राम ने धरती पर असुरो का नाश कर उनके अत्याचार को खत्म कर के न्याय, सत्य , सदभावना पर आधारित साम्राज्य की स्थापना की उनके इस काम में श्री हनुमान का बहुत सहयोग रहा | यह साम्राज्य राम राज के नाम से जाना जाने लगा |ऐसे साम्राज्य की स्थापना हर सरकार करना चाहती है |
श्री हनुमान भगवान शिव के अवतारों में सबसे बुद्धिमान और बलवान कहे जाते है | श्री हनुमान भगवान श्री राम के परम प्रिय भक्त है | श्री हनुमान का अवतार भगवान श्री राम के लिए ही हुआ था | भगवान श्री राम से श्री हनुमान को अमरत्व का वरदान है ,वे कलयुग के जीवित एवं जागृत देवता हैं | वे कलयुग में धर्म के रक्षा के लिए जागरूक है | अमरत्व का वरदान के बाद हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करतें हैं | अतः हनुमान जयंती के जगह इसे हनुमान जनमोत्स्व कहना ज्यादा सही प्रतीत होता है |
हिन्दू धर्म ,विश्व के महाकाव्य पवित्र ग्रन्थ रामायण ,महाभारत में श्री हनुमान का विवरण है | इस के आलावा अन्य ग्रन्थ में भी श्री हनुमान का विस्तृत विवरण है| 16 वी शताब्दी में महाकवि तुलसीदास ने श्री हनुमान से मुलाकात का विवरण प्रस्तुत किया है| तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखा जिसका पाठ अभी भी होता है |
भगवान शिव के अन्य अवतार के विषय में यहां पढ़ें |
भगवान श्री हनुमान के अन्य नाम
इन्द्र के ब्रज के प्रहार से भगवान श्री हनुमान की ठुड्डी टूट गई थी इसलिये भगवान को हनुमान कहा जाने लगा| इसके अलावा हनुमान जी के प्रसिद्ध नाम : बजरंगबलि , आंजनेय मारुतिनंदन,पवन पुत्र ,अंजनी सूत ,महावीर ,संकट मोचन इत्यादि |
हनुमान जी को वानर के मुख वाले शक्तिशाली पुरुष के रूप में बताया गया है जिसको पूंछ है | उनके कंधे पे गदा रहता है |जो उनका एकमात्र अस्त्र है |

very good article.
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