डेल्टाक्रोंन क्या |डेल्टा |ओमीक्रॉन |कोवीड -१९ |

   

                                                           डेल्टाक्रोंन  क्या है ? सच या ?


कोविद-१९ 


                                                नया वायरस  का प्रजाति का कैसे त्पत्ति  होता है ?

 जब दो तरह के वायरस  एक साथ एक  ही मरीज को संक्रमित  करते है तो उनके बीच म्युटेशन का आदान प्रदान होता है और वायरस  का एक नया प्रजाति उत्पन हो सकता  है|  

बहुत मरीज डेल्टा एवं ओमीक्रॉन से एक साथ संक्रमित होते है | जब दोनों एक साथ एक मरीज को संक्रमित  करते है तो उनके बीच म्युटेशन का आदान प्रदान हो सकता है और वायरस  का एक नया प्रजाति उतपन्न  हो  सकता  है | 


                                                   डेल्टाक्रोंन क्या है ?कैसे नाम हुआ | 

 सायप्रस  एक यूरोपीय देश  है|   सायप्रस   विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ' 'ल्योनडीस कोस्टरीकिस ' और उनकी   टीम ने अस्पताल में भर्ती २५ कोविड -१९ के मरीजों के सैंपल के जाँच में डेल्टा जीनोम में ओमीक्रॉन का जेनिटिक सिग्नेचर पाया | जिसके आधार पर इसे डेल्टाक्रोंन का नाम दिया है  | यह कोविड -१९ के मरीज जो अस्पताल में भर्ती  नहीं है उसमे नहीं पाया गया | इन सैंपलों को जाँच करने हेतु सात जनवरी को GISAID ,( इंटरनॅशनल  डाटाबेश जो वायरस म्युटेशन  का अध्ययन करता है ) भेजा गया है ,जिसका रिपोर्ट आना शेष है |  

सायप्रस  के हेल्थ मंत्री ने भी इस पर विश्वाश नहीं किया है और कुछ दिनों में इसके विषय में आधिकारिक वक्तव्य देने का आश्वासन दिया है | 

अभी तक सभी विशेषज्ञो और बैज्ञानिकों का मानना है की ऐसा  लैब के गलती से हुआ होगा | लैब में ऐसी गलतियां हो जाया करती है | ग्लोबल हेल्थ के विशेषज्ञ 'वोघुमा  कबेसिन तीतनजी' ,डॉक्टर जेफ्री बैरेट और अन्य विशेषज्ञो  और बैज्ञानिकों ने भी इसे लैब कंटैमिनेशन माना है | 

                                                                 डेल्टाक्रोंन के   लक्षण 

अभी इसकी पुस्टि नहीं हुई है ,अतः यह अनुमान लगाना ही गलत होगा कि  इसके  क्या लक्षण होंगे | 

                                                                डेल्टाक्रोंन के  रोकथाम 

                 डेल्टाक्रोंन की  अभी  पुस्टि नहीं हुई है | कोवीड -१९  के रोकथाम  के लिए उठाए जाने वाले सभी कार्य करना है  | कोवीड -१९  के रोकथाम  के लिए उठाए जाने वाले  कार्य 

१. बार बार साबुन  पानी से हाथ धोना है | अगर साबुन  पानी उपलब्ध नहीं हो तो अलकोहल वाले  सांइटिज़ेर का इस्तेमाल बार बार करना है | चेहरे  को कम से कम हाथ से छूना है | 

२. आपस में छ फिट की दुरी रखना -सामाजिक दुरी का पालन करना जरुरी है | 

३. चेहरे पर ठीक से मास्क लगाकर रहना है | खास कर जब घर से बाहर जाना हो तब मास्क लगाकर रहना है  | 

४. भीड़ वाले जगह पर जाने से परहेज करना है | 

५. सरकारी नियमों का पालन करना है |  





                                                           कोवीड -१९  का भविष्य 

कोवीड -१९  का अभी और म्युटेशन आ सकता है | ओमीक्रॉन ही इसका अंतिम म्युटेशन का स्वरुप नहीं है | सभी विशेषज्ञो और बैज्ञानिकों का मानना है की कोवीड -१९  के   म्युटेशन को रोकने  के लिए  ग्लोबल टीकाकरण  (वैक्सीन )बहुत ही जरुरी है | 





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