चैती छठ 2023 | Chaati chhaath puja 2023
चैती छठ 2023 | Chaati chhaath puja 2023|
इस लेख में हम चैती छठ के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | चैती छठ कब मनाया जाता है,इसका महत्व एवं बहुत कुछ जो आप जानना पसंद करेगें |
Table of contents:
१. चैती छठ कब से कब तक मनाया जायेगा |
२. चैती छठ किस तरह किया जाता है |
3. चैती छठ का महत्व |
हर वर्ष दो छठ पर्व खास कर मनाया जाता है , एक कार्तिक माह में एवं एक चैत माह में | छठ पूजा बिहार ,उत्तरप्रदेश ,झारखण्ड ,दिल्ली ,कलकत्ता में धूम धाम से मनाया जाता है | इसके आलावा यह पर्व देश के कई जगहों पे मनाया जाता है | विदेशो में भी यह पर्व दूसरे नाम से मनाया जाता है |
छठ पर्व ऋतु परिवर्तन से सम्बंधित है | कार्तिक छठ के समय से शीत ऋतु का प्रभाव बढ़ता है ,जबकि चैती छठ के समय से ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव बढ़ता है|
चैत माह के शुक्ल पछ के छठे तिथि को चैती छठ पर्व मनाया जाता है | जबकि कार्तिक माह के शुक्ल पछ के छठे तिथि को कार्तिक छठ पर्व मनाया जाता है | कार्तिक छठ ज्यादा प्रचलित है | इसे बहुत लोग करते हैं | हालाँकि चैती छठ का भी अपना खास महत्त्व है | और कुछ स्थानों पर चैती छठ भी ज्यादा लोगो के द्वारा किया जाता है |
ज्यादातर यह पर्व महिलओं के द्वारा किया जाता है ,परन्तु आज कल पुरुषो के द्वारा भी किया किया जाता है | धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत संतान के लिए ,परिवार के स्वास्थ्य ,खुशहाली, समृद्धि और मन वांछित पाने के लिए किया जाता | इस व्रत के करने से छठी मैया एवं भगवान भास्कर प्रसन होकर आशीर्वाद देते है जिससे मनोकामना पूर्ण करते है |
चैती छठ इस वर्ष कब से कब तक मनाया जायेगा |
चैती छठ चैत या चैत्र माह के शुक्ल चतुर्थी को नहाई खाय के साथ शुरु होगा एवं सप्तमी को उदयमान सुर्य को अर्घ देकर इस पर्व का समापन होगा |
इस वर्ष चैती छठ २५ मार्च २०२३ से चैती छठ शुरु होगा और २८ मार्च २०२३ को व्रत का समापन होगा |
२५ मार्च २०२३ को नहाई खाय के साथ छठ व्रत शुरु हो जाता है | नहाई खाय में कदु दाल और भात को शुद्ध रूप से बनाया जाता है और नहाने के बाद शांत शुद्ध मन से प्राप्त -खाया जाता है | खाद्य पदार्थ अलग अलग जगहों पे अलग अलग ढंग से बनाए जाते है |
छठ में कई तरह के गीत गाये जाते है | लोक गीतों का बहार होता है |
दूसरे दिन खरना होता है ,जिसमे व्रती दिन में उपवास रख कर शाम को सूर्य भगवान को प्रणाम और पूजा कर अन्न ग्रहण करते है | और उसके बाद रात में कुछ व्रती सरगही करते हैं ,जबकी कुछ व्रती उसी वक्त से ३६ घंटो का उपवास करते है |
पूजा के तीसरे दिन शाम को अस्तगामी सूर्य भगवान को अर्घ दिया जाता है ,एवं चौथे दिन उदयमान सूर्य भगवान को अर्घ दिया जाता है और व्रत का समापन हो जाता है | उसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करतीं है ,और प्रसाद वितरण होता है |
साधारणतः अर्घ स्थानीय पवित्र नदियों पोखरों में अर्पण किया जाता है | जिसके कारण नदियों पोखरों पे बहुत भीड़ जमा हो जाती है ,इससे व्यवस्था में दिक्त होती है ,और हादसा होने का डर रहता है | जिससे लोग घर के छत पे या 'हाता' में अर्घ अर्पण करतें है |
चैती छठ का महत्व |
छठ का महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है | एक कार्तिक छठ है और दूसरा चैती छठ है | दोनों छठ चार दिनों का होता है |कार्तिक छठ पूजा का विशेष महत्व है |यह पूरे भारत देश में एवं साथ साथ विदेशों में रहने वाले भारतीयों के द्वारा मनाया जाता है | चैती छठ ,चैती नवरात्रि के चौथे दिन शुरु होता है चार दिनों तक मनाया जाता है और चैती नवरात्रि के आठवें दिन पूरा होता है | चैती छठ बिहार,झारखंड उत्तर प्रदेश और देश के कई भागों में धूम धाम से मनाया जाता है |
छठ पर्व में सूर्य भगवान एवं छठ मैया की पूजा होती है | छठ पर्व हिन्दुओ का महापर्व है | परन्तु सभी धर्म के लोग बढ़ चढ़ कर हिसा लेते है | इस पर्व में जनमानष स्वतः घर से लेकर घाट तक सफाई करते है ,और पुरा शहर ,कस्वा,गांव साफ हो जाता है | अपने सर पर प्रसाद लेकर घाट तक जाते हैं | और इसे सौभाग्य समझा जाता है | इस पर्व में सब बरावर हो जाते हैं | आस्था का सबसे बड़ा पर्व है | लोग मांग कर भी प्रसाद खाते है |
मान्यता है की छठ मैया सूर्य भगवान के बहन हैं और जो लोग छठ पर्व सच्चे मन से, आस्था के साथ करते हैं तो उनके सभी मनोकामनाए सूर्य भगवान एवं छठ मैया पूरा करते हैं |
छठ में बाहर रहने वाले लोग ,बाहर काम करने वाले अपने घर वापस आते हैं ,पुरे परिवार के साथ छठ मना कर वापस लौटते है | इससे संबंध मजबूत होते है |
छठ में नए वस्त्र पहनने का रिवाज़ है | इससे कपड़े का बाजार में काफी चहल पहल रहती है |
छठ में प्रसाद , खाने ,पीने और मिष्ठान की काफी बिक्री होती है | छठ में व्यापार जगत में भी काफी मुनाफा होता है |
इंटरनल लिंक :https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/04/ram-navmi-2022-date-hindi.html
बाह्य स्त्रोत : https ://www .jagran .com /lite /spirutal /puja
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें