2023 | जन्मोत्सव कब है| हनुमान जयंती|Hanuman Jayanti| 2023 Hindi

 हनुमान जन्मोत्सव ( जयंती ) 2023|Hanuman Jayanti| 2023 Hindi| और बहुत कुछ  जो आप जानना चाहेंगे 

 इस लेख में हम हनुमान जयंती के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | हनुमान जयंती  कब मनाया जाता है,इसका महत्व एवं बहुत कुछ | आने वाले पीढ़ी को अपने उत्सवों के विषय में जानकारी देना इस लेख का उद्देश्य है | 

Table of contents

1. हनुमान जयंती  कब मनाया जाता है

2.हनुमान जयंती   कँहा  मनाया जाता है 

३. हनुमान जयंती  कैसे  मनाया जाता है 

४. हनुमान जी के कई नाम है 

4.हनुमान जयंती कई नाम

5.हनुमान जयंती  के पौराणिक कथा

6.हनुमान जयंती  का महत्व 

                                    हनुमान जयंती  कब मनाया जाता है

भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, हनुमान जयंती का त्योहार उनमें  महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | हनुमान जयंती का त्योहार हर वर्ष  चैत्र माह के पूर्णिमा  को मनाया जाता है | इस वर्ष २०२3  में हनुमान जयंती ०६ अप्रैल को मनाया जाना है | 

चैत्र माह के पूर्णिमा  का समय 06अप्रैल २०२3 को सुबह ०९ बजकर १९ मिनट से शुरु होकर ०7अप्रैल २०२३ के सुबह १० बजकर ०४ तक मनाया  जाना है | हनुमान जयंती हनुमान के जन्म  दिवस के रूप में मनाया जाता है|  | इस वर्ष २०२3  में हनुमान जयंती 06 अप्रैल २०२3 को मनाया जायेगा |                                              

                                     

                                      हनुमान जयंती   कँहा  मनाया जाता है

हनुमान जयंती  पुरे भारतवर्ष में  मनाया जाता है | खास कर उत्तर भारत में बहुत धूम धाम से  हनुमान जयंती मनाते है |इसके आलावा नेपाल वर्मा भूटान इत्यादि देशों में भी बहुत धूम धाम से मनाया जाता है | विदेशों में रहने बाले भारतवासी अपने देशों में धूम  धाम से पवित्र  हनुमान  जयंती मनाते है | 

                                   हनुमान जयंती  कैसे  मनाया जाता है

हनुमान जयंती के दिन उपासक स्नान ध्यान करके ,घर पर हनुमान जी के मूर्ति को नहला कर सिंदूर ,लाल वस्त्र चढ़ाते है | पीला गेंदा के फूल हनुमान जी को प्रिय है ,अतः पीला गेंदा का फूल  चढ़ाते है | लड्डू  का प्रसाद चढ़ाते है| पूजा एवं आरती होता है | 

लोग हनुमान जी के मंदिर जाकर भी पूजा अर्चना करते हैं | पूजा के बाद कई तरह के धार्मिक आयोजन होता है | 

                                          हनुमान जी के कई नाम है 

भगवान हनुमान के कई नाम है ,जिसमे महावीर ,बजरंजबाली ,पवनपुत्र ,अंजनिपुत्र,केसरीनन्दन इत्यादि ज्यादा उपयोग में है 

                                                               हनुमान जयंती  का इतिहास  

हनुमान जयंती  श्री हनुमान  के जनम  दिवस के रूप में पुरे भारतवर्ष में  मनाया जाता है | पौराणिक मान्यता एवं इतिहासिक प्रमाण के अनुसार  भगवान श्री हनुमान का  जन्म ५८ हजार वर्ष पहले त्रेता युग के समाप्त होने से पहले चैत्र माह के पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नछत्र एवं मेष  लगन में प्रातः ६. 30 में ,झारखण्ड के गुमला जिला के आंजन गांव के एक गुफा में हुआ था | उनको पवन -पुत्र कहा जाता है और माता का नाम अंजनी था |  

श्री हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त थे और भगवान राम का उनपर बहुत कृपा रहती थी | भगवान राम के आशिर्बाद से जंहा जंहा श्री राम के पूजा होती है वहां  श्री हनुमान जी की भी पूजा होती है | श्री हनुमान जी की पूजा अलग से भी होती है | 

पौराणिक मान्यता है कि  त्रेता युग में भगवान  विष्णु ने मृत्यु लोक में  श्री राम के रूप में धरती पर असुरों के अत्याचार का नाश करने के लिए सातवाँ अवतार लिया था |  भगवान श्री राम ने धरती पर असुरो का नाश कर उनके अत्याचार  को खत्म कर के  न्याय, सत्य , सदभावना पर आधारित साम्राज्य की स्थापना की उनके इस काम में श्री हनुमान का बहुत सहयोग रहा | यह साम्राज्य  राम राज के नाम से जाना जाने लगा |ऐसे साम्राज्य की  स्थापना हर सरकार करना चाहती है |  

श्री हनुमान भगवान शिव  के अवतारों में सबसे बुद्धिमान और बलवान कहे जाते है | श्री हनुमान  भगवान श्री राम के परम प्रिय भक्त है | श्री हनुमान का अवतार भगवान श्री राम के लिए ही हुआ था | भगवान श्री राम से श्री हनुमान  को अमरत्व का वरदान है ,वे कलयुग के जीवित एवं जागृत देवता हैं |  वे कलयुग में  धर्म के रक्षा के लिए जागरूक है | अमरत्व का वरदान के बाद हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करतें हैं |  अतः  हनुमान जयंती के जगह इसे हनुमान जनमोत्स्व कहना ज्यादा सही प्रतीत होता है | 

हिन्दू धर्म ,विश्व के महाकाव्य पवित्र ग्रन्थ  रामायण  ,महाभारत में श्री हनुमान का विवरण है | इस के आलावा अन्य ग्रन्थ में भी श्री हनुमान का विस्तृत विवरण है| 16 वी शताब्दी में महाकवि तुलसीदास ने श्री हनुमान से मुलाकात   का विवरण प्रस्तुत किया है|  तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखा जिसका पाठ अभी भी होता है |हनुमान चालीसा के पाठ से ही बहुत बाधा खत्म हो जाती है | 

भगवान शिव  के अन्य अवतार के विषय में यहां पढ़ें | 

                                                भगवान श्री हनुमान  के अन्य नाम

इन्द्र के ब्रज के प्रहार से भगवान श्री हनुमान  की ठुड्डी टूट गई थी इसलिये भगवान  को हनुमान  कहा जाने लगा| इसके अलावा हनुमान जी के प्रसिद्ध नाम : बजरंगबलि , आंजनेय मारुतिनंदन,पवन पुत्र ,अंजनी सूत ,महावीर ,संकट मोचन इत्यादि |   

हनुमान  जी को वानर के मुख वाले शक्तिशाली पुरुष के रूप में बताया गया है जिनको पूंछ है  | उनके कंधे पे गदा रहता है |जो उनका एकमात्र अस्त्र है |  

                       
                                                             पूजा की विधि
हनुमान जयंती में  हनुमान  जी के पूजा की जाती है | हनुमान  जी के पूजा के  नियम कठिन है ,जरा सी भूल पूजा के प्रभाव को नस्ट कर सकता है | अतः पूजा पुरे विधि विधान से करना चाहिए | हनुमान  जी प्रसन होने पर मनोकामना पूरा करतें है  और संकट खत्म करते देते हैं | श्री हनुमान बहुत दयालु भी है , अपने भक्तों को माफ कर उनका उद्धार करतें हैं | 
हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म महूर्त में तैयार होकर लाल,पीला या भगवा वस्त्र धारण कर हनुमान जी का स्मरण करते हुए व्रत
 का संकल्प कर  पूजा करना चाहिए | पूजा  की चौकी पर नया  लाल आसनी बिछा कर हनुमान  जी की मूर्ति या तस्वीर
 स्थापित कर फूल,माला ,अछत,चन्दन,प्रसाद चढ़ा कर पूजा की जाती है | घी के दिप जला कर  आरती की जाती है | पूजा के
 बाद छमा याचना कर पूजा समाप्त कि जाती है और प्रसाद वितरण किया जाता है | 
लोग हनुमान जी के मंदिर जाकर भी पूजा अर्चना करते हैं | पूजा के बाद कई तरह के धार्मिक आयोजन होता है | 
अगर कोई महिला पूजा  करती है तो दूर से पूजा अर्चना करना चाहिए | 
                                                       सामाजिक एवं व्यपारिक महत्व

हनुमान जयंती में  बाहर रहने वाले लोग ,बाहर काम करने वाले अपने  घर वापस आते हैं ,पुरे परिवार के साथ हनुमान जयंती मना कर वापस लौटते है | इससे संबंध मजबूत होते है | 

हनुमान जयंती में  नए वस्त्र पहनने का रिवाज़ है | इससे कपड़े का बाजार में काफी चहल पहल रहती है | 

भारतवर्ष में त्योहार में स्वादिस्ट पकवान बनाने खाने खिलाने का परंपरा है | हनुमान जयंती  में  अपने परिवार और दोस्तों के साथ खाने का रिवाज़ है | हनुमान जयंती में भी खाने ,पीने और मिष्ठान की काफी बिक्री होती है | इससे   व्यापार जगत में काफी मुनाफा होता है |


                                        हनुमान जयंती की शुभकामनायें | 
                                        हनुमान जयंती की पूजा अर्चना करें |<!--FAQPage Code 
FAQ
Q: When hanuman jayanti in 2023?
A: On 6th April 2023 Hanuman jayanti will be celeberated. 
 Q: हनुमान जयंती 2023 में कब है ?
 A  : 2023 में हनुमान जयंती गुरुवार 6अप्रैल को है | 
Q  : हनुमान जयंती 2023 में पूजा मुहूर्त कब है | 
A :  2023 में हनुमान जयंती के पूजा मुहूर्त 7 अप्रैल को  सुबह से 1O बजे तक है| 
Q: हनुमान जयंती 2023 में पूजा कैसे करें | 
A :  हर वर्ष  के तरह 2023 में भी  हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म महूर्त में तैयार होकर लाल,पीला या भगवा वस्त्र धारण कर हनुमान जी का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प कर  पूजा करना चाहिए |  

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