51 शक्तिपीठ कँहा कँहा है | 51 SHAKTI PEETHAS in Hindi

   

                 51 शक्तिपीठ कँहा कँहा है | 51 SHAKTI PEETHAS in Hindi 

इस लेख में हम शक्तिपीठ के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | शक्तिपीठ कँहा कँहा  है,इसका महत्व एवं बहुत कुछ | 

Table of contents

शक्तिपीठ  कँहा  है 

2 .हनुमान जयंती कई नाम

3 . शक्तिपीठों  के नाम |  

4 . शक्तिपीठों के बनने की  पौराणिक कथा5. .शक्तिपीठों का महत्व  

पुराणों के अनुसार 51 शक्तिपीठों के होने के बारे में उल्लेख है | इसमें से 18 शक्तिपीठों को महाशक्तिपीठ कहा जाता है | ज्यादातर शक्तिपीठ भारत में है ,इसके आलावा कुछ शक्तिपीठ बांग्लादेश,पाकिस्तान,श्रीलंका,एवं भूटान में हैं | 

शक्तिपीठों के बारे में पुराणों में कई विचार है | जिसमे सबसे मान्य विचार वैषणव पुराण में लिखा है | इसके 

पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती  के पिता दक्ष प्रजापति एक यज्ञ करवा रहे थे। जिसमे

 राजा दक्ष प्रजापति से अपने पुत्री सती के पति भगवान शिव जी का अपमान हो गया। राजा दक्ष प्रजापति ब्रह्मा के पुत्र थे| अपनी पुत्री सती का विवाह वे भगवान शिव के साथ नहीं करना चाहते थे| परन्तु पिता के विरोध करते हुए सती जी ने शिव जी से शादी कर लिया और शिव जे के साथ अपने पति के साथ उनके घर कैलाश पर्वत चली गई | माता सती  के पिता दक्ष प्रजापति अश्वमेध यज्ञ करवा रहे थे। जिसमे राजा दक्ष प्रजापति ने अपने पुत्री सती और उनके पति भगवान शिव जी का अपमान कर दिया | 

अपने पति के अपमान से देवी सती को बहुत गुस्सा आ गया और अग्नि में कुद कर उन्होंने अपना जीवन समाप्त कर दिया। जब महादेव जी को यह जानकारी मिली तो वे अपनी पत्नी 'सती' के मौत से बहुत क्रोधित हो गए।

यज्ञ स्थान पर पहुंचकर भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति के सर को छड़ से अलग कर दिया,और सती जी के मृत शरीर को हाथों में लेकर क्रोध से भयंकर तांडव प्रारंभ कर दिया।इससे पूरे ब्रह्मांड में भय व्याप्त हो गया।

 सभी देवता संसार की रक्षा हेतु प्रयास करने लगे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली | तब सभी देवताओं ने विष्णु भगवान से शिवजी के गुस्से को शांत करने के लिए प्रार्थना किया।संसार की रक्षा हेतु और सभी देवताओं के प्रार्थना से भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से मृत माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए जो संसार की अलग-अलग स्थानों पर गिरे।

पुराणों के अनुसार माता सती के 51 टुकड़े हो गए और अलग-अलग स्थानों पर गिरे| जहां जहां शरीर के भाग पहुंचे वहां वहां शक्तिपीठ बन गए। शक्ति प्राप्त करने का स्थान हो गया| वहां देवी का वास  स्थान हो गया, दुर्गा मां का निवास हो गया| वह स्थान जागृत हो जाता है ,पूजा और उपासना से यहां शक्ति एवं मनोबांछित वर प्राप्त होता है।

51 शक्तिपीठों मे से 18 शक्तिपीठों को महाशक्तिपीठ कहा गया है | 

1 कामाख्या मंदिर -गुवाहाटी -आसाम                      कामाख्या मंदिर -गुवाहाटी -आसाम

2 मंगला गौरी मंदिर-गया -बिहार                              मंगला गौरी मंदिर-गया -बिहार

3 शंकरी मंदिर-त्रिंकोमाली -श्री लंका                        अट्टहास मंदिर-बंगाल 

4 शारदा पीठ -शारदा-कश्मीर                                  बहुला शक्ति पीठ -बंगाल 

5 विशालाक्षी मंदिर-वाराणसी -उत्तरप्रदेश                   महिषमर्दिनी शक्तिपीठ -सिउरी 

6 ज्वालामुखी मंदिर-कांगड़ा                                       उज्जैन मंदिर-मध्य प्रदेश 

7 अलोपी देवी मंदिर-प्रायगराज -उत्तरप्रदेश                 भाबनीपुर शक्तिपीठ -बंगला देश

8 भीमेश्वर मंदिर-द्राक्षरमं -आंध्र प्रदेश                           माँ भ्रामरी शक्तिपीठ-

9 बिराजा मंदिर-जयपुर -ओडिशा                                 गंधकी चंडी शक्तिपीठ

10 कुक्कुटेश्वरा स्वामी -पीठापुरम -आंध्र प्रदेश                 हिंगलाज माता मंदिर-पाकिस्तान 

11 शाकम्भरी -सहारनपुर -उत्तरप्रदेश शक्तिपीठ            जैशोरेश्वरी काली मंदिर-बंगलादेश

12 एक वीरिका मंदिर-माहुर -महाराष्ट्रा                           जयंती शक्तिपीठ-बंगलादेश

13 महालक्ष्मी मंदिर-कोल्हापुर-महाराष्ट्रा                         ज्वालाजी मंदिर-हिमाचल प्रदेश

14 भ्रंमराम्बा मल्लिकार्जुन मंदिर-श्रीसैलम                        श्रींकला - बंगाल 

15 जोगुलाम्बा देवी मंदिर-आलमपुर -तेलंगाना                 अमरकंटक-मध्यप्रदेश 

16 चामुंडेश्वरी मंदिर-मैसूर -कर्नाटक                                कंकलेश्वरी देवी -  बंगाल

17 श्रींकला - बंगाल                                                         श्रावणी कन्याकुमारी -तमिलनाडु 

18 कामाक्षी अम्मान मंदिर-तमिलनाडु                              चामुंडेश्वरी मंदिर-मैसूर -कर्नाटक 

19 अमरनाथ मंदिर-जम्मू                                                  विमला- बंगाल

२० अट्टहास मंदिर-बंगाल                                                 कुमार शक्ति -बंगाल

21 पुरबा बर्धमान -बंगाल                                                  रत्नावली मंदिर -बंगाल

22 बाकरेश्वर मंदिर-बंगाल                                                 शक्ति दाक्षायणी -मानसरोवर 

23 उज्जैन मंदिर-मध्य प्रदेश                                                मणिबंध मंदिर-राजस्थान 

24 भाबनीपुर मंदिर-बंगला देश                                           मिथिला मंदिर-नेपाल 

25 बिराजा मंदिर-ओडिशा                                                  मणिपल्लवं मंदिर-श्री लंका                                      

26 छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ -हिमाचल प्रदेश                        गुह्येश्वरी मंदिर-नेपाल 

27 मुक्तिनाथ मंदिर-नेपाल                                                  भाबनीपुर मंदिर-बंगला देश  

28 भद्रकाली मंदिर-महाराष्ट्र                                               पञ्चसागर मंदिर-उत्तराखण्ड                                    

29 हिंगलाज माता मंदिर-पाकिस्तान                                    चंद्रभागा मंदिर -गुजरात 

30 जयंती मंदिर-मेघालय                                                     ललिता मंदिर-प्रयागराज 

31 जैशोरेश्वरी काली मंदिर-बंगलादेश                                   भद्रकाली -हरयाणा 

32 ज्वालाजी मंदिर-हिमाचल प्रदेश                                      शारदा पीठ -मध्य प्रदेश

 33 कालीपीठ -बंगाल                                                         नन्दिकेश्वरी -बंगाल 

34 कामगिरी कामाख्या -असाम                                           सर्वाशैल  मंदिर- गुजरात 

35 कनकलीतला -बंगाल                                                     हिष मर्द्दिनि -पाकिस्तान 

36 कन्याश्रम -तमिलनाडु                                                     अमरकंटक -मध्य प्रदेश

37 बज्रेश्वरी मंदिर-हिमाचल प्रदेश                                           त्रिपुरा सुंदरी मंदिर-त्रिपुरा 

38 किरितेश्वरी मंदिर -बंगाल                                                  सुंदरी -बंगला देश 

39 रत्नावली मंदिर -बंगाल                                                    हालक्ष्मी -बंगला देश

40 भ्रामरी देवी मंदिर -बंगाल                                              शुचिः मंदिर-तमिलनाडु 

41 मलाई चंडी मंदिर -बंगाल                                             सुगंधा मंदिर-बंगलादेश 

42 मानस मंदिर-चीन                                                        मंगलचंद्रिका-उज्जैन 

43 मणिबंध मंदिर-राजस्थान                                             विशालाक्षी -उत्तरप्रदेश 

44 मिथिला मंदिर-नेपाल                                                   कपालिनी ऑफ़ विभाष -बंगाल 

45 मणिपल्लवं मंदिर-श्री लंका                                           अम्बिका-राजस्थान

46 गुह्येश्वरी मंदिर-नेपाल                                                    उमा-उत्तरप्रदेश

47 चन्द्रनाथ मंदिर-बंगला देश                                          त्रिपुरमालिनी -पंजाब 

48 पञ्चसागर मंदिर-उत्तराखण्ड                                       अम्बा-गुजरात 

49 काली मंदिर-गुजरात                                                   बैद्यनाथ मंदिर-झारखण्ड 

50 शारदा पीठ -मध्य प्रदेश                                               दंतेश्वरी -छत्तीसगढ़ 

51 नन्दिकेस्वरी मंदिर-बंगाल                                              बिराज -जयपुर 

52 कोटिलिंगेश्वर मंदिर-आंध्र प्रदेश                                   ---------x ------------

53 नैना देवी मंदिर-हिमाचल प्रदेश 

54 शोनेदेश मंदिर-मध्य प्रदेश 

55 श्री सैलम -आंध्र प्रदेश 

56 पीठापुरम -आंध्र प्रदेश 

57 शुचिः मंदिर-तमिलनाडु 

58 कामाक्षी अम्मान मंदिर-तमिलनाडु

59 सुगंधा मंदिर-बंगलादेश 

60 त्रिपुरा सुंदरी मंदिर-त्रिपुरा 

61 उजानी मंदिर-बंगाल

62 मणिकर्णिका मंदिर- उत्तरप्रदेश 

63 बरगाभिमा मंदिर-बंगाल

64 कात्यायनी शक्तिपीठ -उत्तरप्रदेश

65 देवी तालाब मंदिर -पंजाब 

66 बैद्यनाथ मंदिर-झारखण्ड 

67 जोगड़ा मंदिर-बंगाल

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------


अस्वीकरण %  इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है| मानवीय भूल ,टंकण भूल भी हो सकता है इसके लिए लेखक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

विश्व पर्यावरण दिवस| World Environment Day

अंतररास्ट्रीय योग दिवस 2023|International Yoga Day 2023 |

दुर्गा पूजा का महत्त्व | दुर्गा पूजा 2022| MAA DURGA, Indian festival