इन्फ्लुएंजा| वायरस| H3 N2 |Influenza virus

                                                    H3 N2 | Influenza virus 

इस लेख में हम लोग H3 N2  इन्फ्लुएंजा  वॉयरस के विषय  में  होने वाली आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे | इसके विषय की  जानकारी रहने पर हम लोग अपने को एवं अन्य लोगों की जान बचा  सकते है | 

Key word H3 N2 | H1N1 |Covid -19 | orthomyxoviridae' | Hemagglutinin | neuroaminidase

TABLE OF CONTENT :

1  H3 N2 Influenza virus  का परिचय 

2  H3 N2 Influenza virus  कैसे फैलता है 

3  H3 N2 Influenza virus  होने पर लक्छण 

4  H3 N2 Influenza virus से बचाव 

5. H3 N2 Influenza virus  से सावधानी 

6  H3 N2 Influenza virus  का उपचार 

परिचय:

 H3 N2 Influenza virus  A का एक सब टाइप है | यह वायरस' ोरथोमिक्सोविरिडा' 'orthomyxoviridae' family का है | इसका वैज्ञानिक नाम Influenza virus A सब टाइप H3 N2 है | 

इसका नामकरण वायरस के बाहरी सतह पर मौजुद दो तरह के प्रोटीन -Hemagglutinin ((H ) एवं  न्यूरोअमीनिडसे neuroaminidase (N ) के कारण किया गया है | 

H3 N2 Influenza virus  अन्य इन्फ्लुएंजा  वॉयरस H 1 N 1 / H 1 N २ इत्यादि से ज्यादा संक्रामक है | H3 N2 Influenza virus में हर साल कुछ परिवर्तन होता है | इस वर्ष भारतवर्ष में H3 N2 Influenza virus के मामले में अचानक बहुत वृद्धि हुई है | 

संक्रमण कैसे होता है

H3 N2 वायरस का संक्रमण सांस के द्वारा होती है। खांसी एवं सांस के द्वारा निकले बूंदो से यह  वायरस फैलते है | यह संक्रमण सांस के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है| इस वायरस का सबसे जरुरी बात यह है की यह सीधे LUNGS को संक्रमित करता है | और कोविड -१ ९ जैसे गंभीर गंभीर बिमारी  के तरह हो जाती है | 

 H3 N2 वायरस संक्रमण के लक्षण : 

इस H3 N2 वायरस के संक्रमण होने पर गले में खराश ,सर्दी खांसी ,नाक बहना , बुखार ,सर दर्द ,शरीर दर्द  है|  ज्यादा थकान ,छाती में दर्द ,पेट में दर्द ,जी मिचलाना ,उलटी और दस्त हो सकता है | ज्यादा होने पर या इम्युनिटी कम होने पर ऑक्सीजन की कमी  हो जाती है  SpO २ कम हो जाता है ९ ०  से काम होने पर मरीज बेहोश हो सकता है | ऑक्सीजन से इलाज करना परता है |  

बचाव

सांस से सम्बंधित होने के कारण इसका प्रसार बहुत तेजी से होता है | इससे बचाव ही सवस्थ रहने का तरीका है | कोविड -१ ९  के समय किया गया उपाए अपनाना है :

संक्रमण को रोकने के लिए हर साल टीकाकरण कराना 

भीड़ वाले जगह पे जाने से परहेज | 

मास्क लागए ,दुरी बना कर रखें | अपनी हिफाजत करें और स्वस्थ रहें। 

नियमित व्यायाम ,पौस्टिक भोजन 

अपने हाथों को कुछ कुछ  समय के अंतर से नियमित रूप से साफ करें।  साबुन औरमरीज  पानी का उपयोग करें,| अल्कोहॉल युक्त  सैनीटाइज़र से हाथ रसाफ रखें ।

खांसने या छीकने पर अपनी नाक और मुह को अपनी कोहनी या  रुमाल से  ढक लें।

बीमारी के लक्छन होने पर घर पर रहेंऔर आराम करें| अन्य लोगों से दुरी बनाकर रहना | अपने से दवा का सेवन 
न करें | 

सावधानी :- 

गर्भबती महिलाओं ,बच्चों  और बुजुर्गों   को  खास सावधानी बरतनी  है| कसी भी तरह का लक्षण होने से तुरंत  स्वस्थय केंद्र जाएंऔर अपना अच्छे से जांच करवाएं। 

पहले से बीमार ,दिल  ,किडनी ,कैंसर के के मरीज ज्यादा  सावधान रहे। 

उपचार:- लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी  अस्पताल जाकर इलाज कराना चाहिए | 

HASHTAGS : SpO २ #कोविड -१ ९ #नियमित व्यायाम #मास्क #टीकाकरण#सैनीटाइज़र#

Hemagglutinin ((H )#neuroaminidase#orthomyxoviridae

आंतरिक स्रोत : https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/01/
बाहरी स्रोत

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