निफा वायरस Nipah virus
निपाह वायरस
इस लेख में हम लोग निफा या निपाह वायरस Nipah virus के विषय में होने वाली आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे | इसके विषय की जानकारी रहने पर हम लोग अपने को एवं अन्य लोगों की जान बचा सकते है |
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TABLE OF CONTENT :
1 Nipah virus का परिचय
2 Nipah virus कैसे फैलता है
3 Nipah virus होने पर लक्छण
4 Nipah virus से बचाव
5. Nipah virus से सावधानी
6 Nipah virus का उपचार
परिचय
निफा या निपाह वायरस Paramyxoviridae family ds Hemipavirus genus dk ,d ,slk ok;jl gS tks i’kqvksa ls euq"; esa QSyrk gSA;g ok;jl Fruit bat es jgrk gSA ;g ,d izdkj dk pexknj gS]ftls Flying fox Hkh dgrs gSA यह चमगादड़ पेट्रोपोडिदै परिवार का सदस्य है A
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निफा वायरस संक्रमित पशुओं के ऊतक] रक्त ] लार ] मूत्र एवं साँस का ड्रॉपलेट से मनुस्यों में संक्रमण होता है A इसके बाद संक्रमित व्यक्ति के घनिष्ठ संसर्ग में आने वाले मनुष्यो को साँस का ड्रॉपलेट से संक्रमण होता है ा मनुष्यो का ऊतक] रक्त ] लार ] मूत्र भी संक्रमित करता हैA
संक्रमण के तरीके
संक्रमित 'फ्रूट चमगादड़ के सीधे सम्पर्क में आने से
संक्रमित 'फ्रूट चमगादड़ के रक्त,लार या मूत्र के संपर्क में आने वाले फल या अन्य खाद्य सामग्री का किसी तरह से सेवन करने से , उदाहरण के लिए पाम सैप या कोई बिना धोये ताजा फल
संक्रमित i’kqvksa ¼[kkldj lqvj½ के रक्त,लार या मूत्र के संपर्क में आने से
संक्रमित euq";ks के घनिष्ठ संसर्ग में आने वाले मनुष्यो को साँस का ड्रॉपलेट से संक्रमण होता है ा मनुष्यो का ऊतक] रक्त ] लार ] मूत्र भी संक्रमित करता हैA
जानवरों में निफा वायरस बहुत तेजी से फैलता है ा
इतिहास
सबसे पहले १९९९ में मलेसिआ और सिंगापूर के एपेडमिक में इस निफा वायरस का खोज हुआ था | इस के खोज से पता चला कि फ्रूट चमगादड़ से यह निफा वायरस सूअर में आया ,और पिग फार्म में काम करने वालों को संक्रमित किया | इसके बाद यह मलेसिआ और सिंगापूर में विस्फोटक रूप से फैल गया | इस बीमारी को रोकने के लिए लाखों पिग्स को मारना पड़ा था | इस के बाद उन देशों में यह बीमारी फिर से नही हुआ |
परन्तु यह बांग्लादेश एवं भारत में हर साल होता है | और कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है |
लक्छण
निफा वायरस बिना किसी लक्छण के हो सकता है और ठीक हो जाता है | इस कारण उस व्यक्ति का पूरा चिकत्सीय ब्यौरा लेकर उसके यात्रा विवरणी को देखते हुए और कँहा का निवासी है इस बीमारी का संदेह करते हुए आगे जांच किया जाता है |
इस बीमारी के कोई खास लक्छण नहीं होता है और कई बीमारी में हो सकते है | ये लक्छण साधारण से गंभीर हो सकते है |
साधारण लक्छण
सिरदर्द बुखार सुस्ती मांसपेशिओं में दर्द उलटी गले में खरास खांसी इत्यादि हो सकता है |
गंभीर लक्छण
सॉस लेने में दिक्तत नेमोनिआ ज्यादा सुस्ती बेहोशी चमकी आना एवं मस्तिष्क के सूजन के अन्य लक्छण दिखाई पड़ते है|
निदान डायग्नोसिस
निफा वायरस बीमारी के कोई खास लक्छण नहीं होता है जिसके कारण इसके डायग्नोसिस में कठिनाई होती है परन्तु व्यक्ति का पूरा चिकत्सीय ब्यौरा लेकर उसके यात्रा विवरणी को देखते हुए और कँहा का निवासी है इस बीमारी का संभावना एवं संदेह करते हुए आगे जांच किया जाता है |
खास विशिस्ट जाँच शरीर के स्त्राव जैसे कि रक्त मूत्र लार- से
आर टी -पी सी आर रियल टाइम पोलीमेरसे चेन रिएक्शन -
एलिसा टेस्ट एंजाइम लिंकेड इम्मुनो अब्सॉर्बेंट ऐसे
पी सी आर पोलीमेरसे चेन रिएक्शन
वायरस आइसोलेशन वाय सेल कल्चर -पक्का सबूत प्रदान करता है
इलाज
निफा वायरस बीमारी के कोई खास इलाज नही है कोई खास दबाई नहीं है लक्छण के अनुसार इलाज किया जाता है |
आराम करना - पूरा पोस्टिक खाना एवं तरल पदार्थ का सेवन करना|
मरीज को लक्छण रहने तक अलग रखना |
वचाव
कोई खास वैक्सीन उपलब्ध नहीं है अतः बचाव के सारे उपाय करना एवं अपना इम्युनिटी ठीक रखना होगा |
पौस्टिक भोजन प्रचुर मात्रा में प्रोटीन विटामिन्स इत्यादि खाने से इम्युनिटी रोग प्रतिरोधी छमता बढ़ती है |
साबुन पानी से बार बार हाथ धोना |
संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से परहेज अगर जाना हो तब पुरे सावधानी से मास्क ग्लव्स पहनकर जाना चाहिए |
चमगादड़ और पशुओं खास कर सुअरों से दूरी बना कर रखें |
पशुओं के ऊतकों रक्त मांस मूत्र लार इत्यादि से यथा संभव दुरी रखें एवं सावधानी से निपटारा करना |
संक्रमित खाद्यपदार्थ एवं पेय को नस्ट करना |
जमीन पर गिरे फल एवं अन्य खाद्य सामग्री को नस्ट करना |
निपाह वायरस के खतरे
इस निपाह वायरस के संक्रमण कितना खतरनाक है इसका पता इस बात से चलता है की इसके संक्रमण से ४०-- ७५ प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है जबकि कोरोना १९ के संक्रमण से ४ से -५ प्रतिशत लोगों की मौत होती है | हालांकि मृत्यु दर इलाज एवं रोग प्रतिरोध छमता पर निर्भर करता है |
इस के खतरनाक रूप को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन ने इस बीमारी के इलाज हेतु दबा के खोज और इसके वैक्सीन के निर्माण को प्राथिमिकता दी है |
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आंतरिक स्रोत : https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/01/
अस्वीकरण: यह लेख जनता में जागरुकता लाने एवं जानकारी हेतु लिखा गया है | इसके उपयोग के सारी जिम्मेदारी उपयोग कर्ता की होगी|
इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|
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