कार्तिक पूर्णिमा कब है 2023 | Kartik Purnima | भारतवर्ष त्योहारों
कार्तिक पूर्णिमा |Kartik Purnima
प्रस्तावना:
भारतवर्ष त्योहारों का देश है| यहां त्योहारों का विशेष महत्व है| इन त्योहारों में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है|वैसे तो हर माह में पूर्णिमा होता है ,और हर माह के पूर्णिमा का अपना अपना महतब है ,| इन सब में कार्तिक पूर्णिमा सबसे महत्ब का है | यह दिन सबसे पुण्य माना जाता है | स्कन्ध पुराण के अनुसार भगवान शिव एवं माता पारवती के पुत्र कार्तिकेय के नाम पर इस हिन्दू माह का नाम है | कार्तिक माह हिन्दू के कैलेंडर का आठवां माह है | कार्तिक माह चातुर्मास का अंतिम महीना है ,इसी माह में भगवान विष्णु नींद से जागते है ,और भक्तों की सुनते है | भक्तों पर कृपा करतें है |
इस वर्ष २०२३ में कार्तिक पूर्णिमा २७ नवंबर ,दिन सोमवार को है | इस वर्ष का कार्तिक पूर्णिमा और भी महत्ब्पूर्ण है ,क्योंकी इस दिन शिव योग,स्वार्थसिद्धि एवं द्विपुष्कर योग भी है |
विषय सूची
कार्तिक पूर्णिमा कब मनाया जाता है
कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है
कार्तिक पूर्णिमा की विधि
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व क्या है
कार्तिक पूर्णिमा कब मनाया जाता है
कार्तिक पूर्णिमा हर वर्ष कार्तिक माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है | इस वर्ष के कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाया जायेगा है|इस वर्ष का कार्तिक पूर्णिमा और भी महत्ब्पूर्ण है ,क्योंकी इस दिन शिव योग,स्वार्थसिद्धि एवं द्विपुष्कर योग भी है |
इसी दिन गुरुनानक जयंती ,गुरुपर्व भी मनाई जाती है |
इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है |
इस दिन को त्रिपुरा तिथि भी कहते है
कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है
कार्तिक पूर्णिमा मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं जिसमें सबसे ज्यादा मान्य जो पुरानी कथा है वह यह है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था| भगवान विष्णु ने मत्स्य के रूप में पहला अवतार लिया था | भगवान विष्णु के अन्य अवतार के रूप में ज्यादा जानने के लिए पढ़े learn-and-fly.co.in/2023/03/16/भगवान-विष्णु-के/
भगवान विष्णु ने संसार को जल प्रलय से बचाया था | इस दिन से भगवान विष्णु नदियों में वास करतें है | इस कारण इस दिन नदियों में स्नान करने की परंपरा है | इस दिन नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है ,और महापुण्य प्राप्त होता है |
कार्तिक पूर्णिमा पूजा की विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत का संकल्प लें और श्री गंगा नदी में स्नान करें| इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्ब है | अगर किसी वजह से आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहें हो तब किसी नदी ,सरोवर या कुंड में स्नान करें |कहा गया है
'मन चंगा तो कठोती में गंगा'|
स्नान ध्यान के बाद दान का विशेष महत्ब है | इस दिन गुड़,गेहूं,मिश्री और दूध का दान खास है | घर में भगवान सत्यनारयण के रूप विष्णु भगवान की पूजा अर्चना की जाती है |पूजा सच्चे मन से विधि विधान से करना चाहिए जिससे विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं | विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं तो उनके घर में कभी धन की कमी नहीं होती|घर में परिजनों परिवार के सदस्यों के साथ निर्मल भाव से पूजा करना चाहिए |
और पूजा के बाद भगवान सत्यनारयण की आरती की जाती है एवं प्रसाद वितरण किया जाता है |
कई नदियों पे कभी-कभी बहुत भीड़ हो जाने के कारण कानून और व्यवस्था की समस्या भी खड़ी होती है परंतु आम जनता के सहयोग से ऐसी स्थिति साधारणतह नहीं आती है |
नदियों में डूबने का भी खतरा रहता है| पुलिस प्रशासन एवं आम जनता के सहयोग से इस तरह की घटना बहुत कम होती है |इसलिए कोई समस्या नहीं है |
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के समय सभी लोग मिलकर घर दुकान एवं अपने प्रतिष्ठान की सफाई करते हैं | उच्च नीच का भेद नहीं रह जाता है | इसमें बहुत लोग मिलकर नदियों में स्नान करने जाते हैं इससे भाईचारा बढ़ता है | हम मिल कर हर्षोल्लास के साथ सादगी से कार्तिक पूर्णिमा मना सकते हैं |
कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक बधाई |
अपने किस तरह से कार्तिक पूर्णिमा मनाया कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं! |
जवाब देंहटाएंMaine bhi manaya