जरुरत एवं होश से खरीदारी



                                        क्या आप खरीदारी करने जा रहें है | 

 जरुरत एवं होश से खरीदारी 

 क्या आप खरीदारी करने जा रहें है ,अगर हां तो रुकिए जरा सोचिए आप क्या खरीदना चाह रहे है ,और उसका आप के लिए क्या उपयोग है | अगर आ ख़रीदने जा रहें तो अच्छा लें जो कुछ वर्षो तक चले | उदाहरण के लिए  अगर जैकेट लेना है तो ऐसा ले जो कुछ साल चले , महगा  हो तो हो | सस्ता लेने से हर साल खरीदना न हो | जो भी लेना है अपने पसंद से अपने जरुरत के अनुसार |  | 

 हम लोग  बहुत ज्यादा खरीदारी करते है | जिस सामान का जरुरत नहीं भी है वो भी खरीद लेते है | खरीदारी बिना सोचे समझे  देखा देखी में खरीद लेते है | मॅहगा सामान और ज्यादा समान खरीदना इज्जत की बात समझी जाती है | यह सामाजिक प्रतिष्ठा का पैमाना है | हम जरुरत के लिए नहीं , दिखावे के लिए खरीदते है | इस बात को ठीक से  समझना जरुरी है | 


कपड़ो के बात करें तो आलमीरा में नया नया ड्रेस भरा रहता है ,रखने का जगह नहीं है फिर भी नया ड्रेस लेते है | शायद ही एक दो बार पहन ते है | दूसरे को दिखाने के लिया जाता है | आलमीरा क्या पूरा घर अव्यवस्थ हो जाता है | इस अव्यवस्था से हमारा दिल दिमाग एवं  मन भी अस्त वस्त हो जाता है ,चिंता और तनाब हो जाता है | हम अपने काम पर  ध्यान नहीं दे पाते है |  सभी पुराने कपड़ों एवं अन्य सामान संजो कर रखते है की कभी काम आ सकता है ,परन्तु कभी काम नहीं आता है और घर के एक बहुत बड़े भाग को घेरे रहते है | जिससे कई तरह के समस्या उत्पन होते है | 

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एक और उदाहरण से इसे जानते है | मोबइल फोन के विषय में बात करते है | मोबाइल बनाने बाली कंपनी कुछ कुछ दिनों पर नया नया मोबाइल  नए फीचर -गुणों के साथ बाजार बाजार में ऊँचे दामों पैर लाती है | लोगो को लुभाती है | दुकानदार एवं बैंक से इनका साठ गांठ होता है | अगर आपके पास रकम नहीं है तो ऐ तुरंत कर्ज देने को तैयार रहते है | और आप कर्ज से नया मोबाइल खरीद लेते है | इस  मोबाइल के नए फीचर का आप इस्तमाल नहीं कर पाते है ,क्यू की आप को उसकी जरूरत नही है | बड़े मोबाइल से ,महेंगे मोबाइल से आपके  प्रतिष्ठा में चार चाँद लग जाता है | आप इसे अपने परिचित को दिखाते है ,तो वे भी इससे  महेंगे मोबाइल कर्ज पर  ही  सही खरीद लेते है |  इसके बाद क्या होता है ,आप कर्ज के कुचक्र में पर जाते है ,जल में फंस जाते है ,और कर्ज के क़िस्त चुकाने का चिंता होता है | जितना महॅगा मोबाइल  उतना बड़ा आदमी | यह कर्ज पूरा भी नहीं होता है की फिर से बाजार में नया मोबाइल और नए फीचर के साथ उपलब्ध हो जाता है | आप को कम्पनी से खबर आती है की आप उसके माननीय ग्राहक है ,इस लिए आपको सबसे पहले यह सूचना दी जा रही है और आपको इस दाम पर रियायत दे जाएगी | आप बाजार के जाल में फस जाते है और कर्ज से नया मोबाइल खरीद लेते है फिर से कर्ज से नया मोबाइल खरीद लेते है | पुनः  कहानी दोहरायी जाती  है | चिंता बढ़ती है | जितना महॅगा मोबाइल  उतना बड़ा आदमी | 

अपने पुराने सामान को चेरेटी में किसी जरुरतमंद को नही दे पाते है | 

मैं नही कहता की आप खरीदारी न करें | परन्तु खरीदारी अपने जरुरत के लिये सोच समझ  कर करें| दूसरे को देख कर और बाजार एवं दुकानदार के लुभावने स्कीम को देखकर नही करे | आप कर्ज के कुचक्र में न फंसे | 

हम सभी चिंता मुक्त जीवन जीना चाहते है परन्तु खुद उलझन खरीद लाते है | और उस उलझन को सुलझाने में अपना जीवन बर्वाद करते है | हम सभी चिंता मुक्त सकूँन की जीवन जीना चाहते है | अपना मानसिक स्तर ऊंचा ले जाना चाहते है ,परन्तु सभी उपाए ऐसे करते है के कभी सकुन से नही रह पाते है | जितना कम समान उतना मानसिक शांति होगा | 

लेख पढ़ने के लिए आभार | अपना सुझाब हमें जरुर दें ,इससे लेख में सुधार करने में मदद होते है | मुझे प्रेरणा प्राप्त होता है | अगले लेख में फिर मिलते है | 

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