कम बोलें | जानें शांत रहने के फायदे
कम बोलें | जानें शांत रहने के फायदे
प्रस्तावना
ज्यादातर लोग अपने विषय में बहुत बोलते है | बोलना उन्हें अच्छा लगता है | अपने अतीत के विषय में बात करते है ,उन्होंने कैसे कैसे परेशानी का सामना किया ,किस तरह अपनों नें धोखा दिया ,इत्यादि इत्यादि | और किस तरह उन्होंने अपने को संभाला | अपने को महिमा मंडित करते है | उनको हमेशा दूसरों से शिकायत रहती है | वास्तव में उनमे आत्मविस्वास की कमी होती है |
लेखक का फोटो शांत रहते
ज्यादा बोलने के गलत प्रभाव
अपने समस्याओं के विषय में बात करने से ,अपने परिस्थति के लिए दूसरों पर दोषारोपण करने से नकारात्मक
ऊर्जा
का संचार होता है | इससे परिस्थति और खराब होती है | श्री रहीम ने कहा है
" रहिमन निज मन की ब्यथा ,मन ही राखो गोय |
सुनि अठलहियें लोग सब ,बाँटे न लैहैं कोए || "
इसका मतलब ये है की अपने मन की दुःख ,दर्द,परेशानी को अपने तक ,अपने दिल में रखना चाहिए ,दूसरों को बताने से कोई इसका समाधान नहीं करेगा ,और आपके दुःख को जानकर मन ही मन खुश होगा | अतः अपने मन की दुःख ,दर्द,परेशानी ,कमजोरी को किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए | यह आज भी प्रासंगिक है |
ज्यादा बोलकर उन्हें लगता है की वे सुनने वाले उनसे प्रभावित होते हैं | उनमें दिलचस्पी ले रहें हैं | परन्तु वास्तविकता इसके विपरीत होता है| सुनने वाले सुनने का दिखावा करते हैं ,और आपसे छुटकारा प्राप्त करने का वहाना तलाश करते रहते है | किस प्रकार आपसे छुटकारा मिले | और अगली बार अगर मुलाकात हो जाती है तो वो आपसे किनारा कर लेंगे। आपके बगल से निकल जाएंगे जैसे आपको जानते ही नहीं है |
वास्तव में आपमें और आपके समस्या में किसी को कोई दिलचस्पी नहीं होती है | उनके पास खुद के बहुत सारी समस्या है ,उन समस्याओं के समाधान में व्यस्त होते है ,वे अपने समस्याओं से घिरे होते है | आप ने क्या किया ,क्या नही किया इससे उनको कोई मतलब नही होता है |
इसका समाधान क्या है |
इसका समाधान है कम बोलिए ,जितना जरुरत हो उससे भी कम बोलिए | और खास कर अपने विषय में तो बात ही न करें | अगर कोई पूछता नहीं है तो मैं अपने बारे में नहीं बताता हूँ और क्यों बताऊं | मेरे कर्म से लोग मेरा परिचय प्राप्त करेंगे |
कम बोलिए ,जितना जरुरत हो उससे भी कम बोलिए| जब आप कम बोलते है ,तो आपको अपने शब्दों का चुनाव करने में सजग रहना होगा | इससे आपके शब्दों का वजन बढ़ेगा ,आपका महत्त्व बढ़ेगा | लोग आपको सुनना पसंद करेंगे |
कम बोलने के फायदा
कम बोलने का एक फायदा है की ,कम बोलने से आप अपने मन की दुःख ,दर्द,परेशानी ,कमजोरी को किसी के सामने प्रकट नहीं कर सकेगें | दूसरों की शिकायत नहीं कर पायेंगे |
अपने विषय में तो बात ही न करें |अगर आप चुप रहेंगे अपने विषय में कम से कम बतायेंगे लोग आप के बारे में जानना चाहेंगे | आप अपने को एक रहस्यमय व्यक्ति बना कर रखें ,जिससे आप के बारे में जानना चाहेंगे |लोगो को रहस्य पसंद होता है और रहस्य से पर्दा हटाने की कोशिस करतें है | आप इतना चुप क्यों रहते है इसका रहस्य जानना चाहते है ,कुछ अचंभित करने वाले सूचना जानना चाहेंगे | इसके बाद वे आपके बारे में बात करेंगे |
कम बोलने का एक फायदा यह भी है की आप ज्यादा सुनते है | आज के समय जब कोई किसी की नहीं सुनता है उस समय जब आप सुनते हैं तो लोग आपके पास आते है | अपने समस्या ,अपनी परेशानीओं को सुनाते हैं | इससे आपका महत्ब बढ़ जाता है |
हम सभी जानते है की हर व्यक्ति के पास दो कान और एक जीभ होता है | कहा गया है की इसका मतलब है ज्यादा सुनना और काम बोलना | इसलिए आप ज्यादा सुनते की आदत विकसित करें |
मै जानता हूँ शुरु शुरु में चुप रहना और उससे भी ज्यादा किसी का वकवास ध्यान से ( झूठा ही सही ) सुनना कितना कस्टप्रद है,परन्तु सफलता के लिए खुश रहने के लिए इतना तो सहना पड़ेगा | धीरे धीरे इसकी आदत लग जाने से तकलीफ नहीं होता है ,और मजा आने लगता है |
तो आइए आज और अभी से अपने आप से एक वादा करें की कम बोलेगे ,जितना जरुरत हो उससे भी कम बोलेगे| और खास कर अपने विषय में तो बात ही न करेगें | और ज्यादा सुनेगें |
आपने इतना वक्त मेरे साथ व्यतीत किया इसके लिए आपका दिल से धन्यवाद |
जल्द ही मिलते है ,इसी तरह के लेख के साथ ,तब तक अपना ख्याल रखिए |
अस्वीकरण : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं है| व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है| मानवीय भूल ,टंकण भूल भी हो सकता है इसके लिए लेखक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|

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