दीपावली | लक्ष्मी जी की पूजा|Deepawali 2025
दीपावली 2025| देवी लक्ष्मी जी की पूजा| Deepawali 2025
इस लेख में हम भारत में मनाने वाली दीपावली त्यौहार का वर्णन करेंगे|
प्रस्तावना
भारतवर्ष त्योहारों का देश है| यहां त्योहारों का विशेष महत्व है| इन त्योहारों में दिवाली या दीपावली का विशेष महत्त्व है| दीपावली का शाब्दिक अर्थ होता है जगमगाते दीपों की माला |यह प्रकाश का त्यौहार है | उस दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है ||घर एवं दुकान में लक्ष्मी जी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है इस
दिन घर दुकान की साफ सफाई की जाती है और उसे सुरुचि ढंग से अच्छे ढंग से सजाया जाता है दीपों को सलीके से दुकान एवं घर में सजाया जाता है|
विषय सूची
दिवाली कब मनाया जाता है
दीपावली क्यों मनाया जाता है
लक्ष्मी पूजा की विधि
दीपावली का महत्व क्या है
दीपावली के नकारात्मक प्रभाव या हkनी
दीपावली के लाभ और सकारात्मक
प्रभाव
दिवाली कब मनाया जाता है
दीपावली हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है | इस वर्ष दिवाली मनाया जायेगा है| इस साल दिवाली 20 october को मनाया जायेगा |
वैसे तो उस दिन किसी वक्त लक्ष्मी जी की पूजा की जा सकती है|
दीपावली क्यों मनाया जाता है
दीपावली मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं जिसमें सबसे ज्यादा मान्य जो पुरानी कथा है वह पुरुषोत्तम मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी लक्ष्मण जी एवं सीता माता 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे | अश्विन माह का अमावस्या का दिन था |उनके आगमन की खुशी में पूरे अयोध्या को दीपों से सजा दिया गया था और उनका गुणगान किया गया था | जिसके कारण दीप सजाने और पटाखों का चलन पड़ा गया|
लक्ष्मी पूजा की विधि
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| मां लक्ष्मी |
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| लक्ष्मी गणेश जी की पूजा |
दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है घर को दीपों से सजाया जाता है | दीपों की माला केk ढंग से सजाया जाता है|
घर में और व्यवसायिक प्रतिष्ठान में मां लक्ष्मी और गणेश जh की पूजा अर्चना की जाती है | मां की पूजा सच्चे मन से विधि विधान से करना चाहिए जिससे मां प्रसन्न होती हैं | और fजिस पर मां प्रसन्न होती हैं उनके घर में कभी धन की कमी नहीं होती है |
घर में परिजनों परिवार के सदस्यों के साथ निर्मल भाव से पूजा करना चाहिए बिना पंडित के पूजा करने में लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करें लक्ष्मी मंत्र है
mW श्रीs âÈ महालक्ष्म्यै नमः |
घर या दुकान के ईशान कोण में @ईशान कोण का मतलब होता है उत्तर पूरब का कोना को अच्छे ढंग से साफ करने के बाद वहां पर लक्ष्मी गणेश की महालक्ष्मी एवं गणेश जी की प्रतिमा अथवा नवीनतम चित्र को आसन पर रखा जाता है | माता का आवाहन करके चंदन सिंदूर कुमकुम इत्यादि से श्रृंगार कर वस्त्र आभूषण चढ़ाए जाते हैं | uवैध अर्पित किए जाते हैं | पूजा के बाद दीप को प्रज्वलित किया जाता है | और पूजा के बाद मां की आरती की जाती है एवं प्रसाद वितरण किया जाता है | मंत्र उच्चारण सही ढंग से करना चाहिए | पूजा सच्चे मन से प्रसन्न होती हैं तो माता प्रसन्न होती हैं |
कई जगहों पर पंडाल लगाकर लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा लगाई जाती है और 2 दिनों तक पंडाल में पूजा अर्चना की जाती है | दीपावली में घूमने का भी अवसर मिलता है और लेकिन इससे कभी-कभी बहुत भीड़ हो जाने के कारण कानून और व्यवस्था की समस्या भी खड़ी होती है परंतु आम जनता के सहयोग से ऐसी स्थिति साधारणतह नहीं आती है |
लक्ष्मी पूजा में पंडालों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं होती इसलिए कोई समस्या नहीं है |
दीपावली का महत्व क्या है
दीपावली के नकारात्मक एवं सकारात्मक प्रभाव
दीपावली के समय सभी लोग मिलकर घर दुकान एवं अपने प्रतिष्ठान की सफाई करते हैं | उच्च नीच का भेद नहीं रह जाता है | इसमें पुराने बेकार और अनुपयोगी सामानों को हटा दिया जाता है | जिससे प्रदूषण कम होता है दीपावली के समय अन्य पर्व, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाया जाता है, जिसके कारण घर से दूर रहने वाले लोग घर वापस आते हैं| घर का तनाव घटता है और एक तरह से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है| इस त्यौहार से कई लाभ हानियां भी हैं इन हानियों को हम मिटा कर हर्षोल्लास के साथ सादगी से दीपावली मना सकते हैं |
दीपावली में पटाखा छोड़ने का एक गलत परंपरा शुरू हो गया है | दीपावली के दिन पटाखा छोड़ने से वायु प्रदूषण होता है और जलने एवं आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती है|
सरकार एवं प्रशासन पटाखों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर रही है,परंतु आम जनता के सहयोग के बिना पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है |
आइए हम लोग इस बार यह प्रण करें कि पटाखों का इस्तेमाल नहीं करेंगे|
दीपावली के दिन मिठाई का पैकेट इत्यादि का आदान प्रदान होता है , मिठाई और पकवान के मांग बहुत बढ़ जाने के कारण लालच से कई मिठाई के दुकानदार
मिठाइयों में मिलावट कर आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते है |
वर्षा ऋतु के बाद बहुत तरह के कीड़ों का जन्म होता है जो पूरे वातावरण को प्रदूषित करते हैं , और मानव के लिए खतरनाक भी होते है | दीप जलाने से बहुत सारे कीड़े मकोड़े खत्म हो जाते हैं | खत्म हो जाते हैं दीपावली के पहले इतने ज्यादा कीड़े होते हैं और रोशनh के आसपास उड़ते रहते हैं | जिसके कारण वहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है , दीप जलाने से बहुत सारे कीड़े जलकर खत्म हो जाते हैं |
माटी के दीए में तीसी तेल जलाए जाते है, जिसके पास आकर कीड़े की मौत हो जाती है , और पर्यावरण सुरक्षित रहता है | तीसी के तेल में दीए जलाने से वातावरण कम प्रदूषित होता है | हम लोग को दिए का ही इस्तेमाल करना चाहिए | परंतु बिजली के बल्बों की श्रृंखला का इस्तेमाल होता है जिससे प्रदूषण तो नहीं होता है , परंतु कीड़ों पर इनका प्रभाव नहीं होता जिससे दीपावली के बाद भी बहुत तरह के खतरनाक कीड़े रह जाते हैं | बिजली के बल्बों की श्रृंखला को जलाने से बहुत तरह के गलत प्रभाव पड़ते है | बिजली के कारण बहुत लोगों का मौत हो जाता है | माटी के दीए कुम्हार भाई के द्वारा तैयार किए जाते हैं और उनके आमदनी का मुख्य साधन है |
बिजली के बल्ब लगाने से माटी के दीए का प्रचलन बंद होता जा रहा है , जिसके कुम्हार लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई परंतु सरकार और प्रबुद्ध वर्ग के अपील का यह प्रभाव पड़ा है कि लोग ने बिजली के श्रृंखला बल्बों के अपेक्षा माटी के दीए का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया हैं | माटी के दीए कुम्हार भाई के द्वारा तैयार किए जाते है यह पूर्ण स्वदेशी है और हमारे कुम्हार भाई के लिए बहुत ही फायदेमंद है |
साधारण से बिजली के बल्बों की श्रृंखला दूसरे देशों के रहते हैं जिसके कारण देश को भारी आर्थिक क्षति होती है |
लक्ष्मी पूजा के समय जुआ खेलने की परंपरा है जिसमें सांकेतिक रूप से जुआ खेलने का विधान है , परंतु कई लोगों के द्वारा इसका गलत इस्तेमाल होता है और कई दिनों तक लोग जुआ खेलते हैं | सरकार एवं प्रशासन इसके रोकथाम के लिए बहुत सक्रिय रहता है परंतु नागरिकों के सहयोग के बिना इस पर पूर्ण पाबंदी नहीं लग सकता है | जुआ खेलने के बहुत गलत परिणाम होता है इसलिए लक्ष्मी पूजा के दिन जुआ नहीं खेलना चाहिए | दीपावली में मां लक्ष्मी एवं गणेश लक्ष्मी का पूजन किया जाता है | मां लक्ष्मी साफ स्थान पर रहना पसंद करती है इसका एक संकेतिक पहलू यह है कि मन में विचार नेक और ईमानदार होना चाहिए | उत्तम प्रकृति,उत्तम चरित्र और इमानदार व्यक्ति के पास लक्ष्मी का वास होता है | उन्हीं के पास लक्ष्मी रहना पसंद करती है | और उन्हीं से प्रसन्न होती है , जो सज्जन व्यक्ति होते हैं और ईमानदार होते हैं |
दीपावली को अंधकार पर प्रकाश के विजय के रूप में मनाया जाता है अंधकार नकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करता है जबकि प्रकाश सकारात्मक विचारों को बताता है | आइए इस दीपावली को हम देवी लक्ष्मी जी की पूजा कम दीपों से बिना पटाके और जुआ के घर के पकवानों के साथ हर्सोउल्लास के साथ मनाएं | a
दीपावली की हार्दिक बधाई |




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