सावधान! ऊंचे पहाड़ो पर चढ़ने के लिए सावधानी

  


सावधान क्या आप ऊंचे पहाड़ो पर चढ़ने जा रहें है |  

अगर आप ऊंचे पहाड़ो पर चढ़ने जा रहें है तो इन बातों पर खास ध्यान देना बहुत जरूरी है | पहले तो यह जान लें की ऊंचे पहाड़ किसको कहतें है | 

ऊंचे पहाड़ो की श्रेणी में वे ऊंचे पहाड़ है जिनकी ऊचाई समुद्र तल से  कम से कम २५०० मीटर होती है | कुछ विद्वानों के अनुसार यह ऊचाई ३००० मीटर है | 

अगर आप ऊंचे पहाड़ो पर चढ़ने जा रहें है तो इसके लिए आप पहले से प्रोग्राम बनालें | और कुछ विषेश जानकारी प्राप्त करते है | 

१.  प्रशिक्षक  से प्रशिक्षण करें ,पूर्वा अभ्यास कर लें और संतुस्ट होने पर उनके सलाह से अपना प्रोग्राम बनायें | 

२। ऊंचे पहाड़ो पर धीरे धीरे चढ़ना है | कुछ ऊंचाई के बाद रुकना है | जिससे  शरीर उस वातावरण का अभ्यस्त हो सके | इस तरह धीरेधीरे चढ़ना है | 

३. पहाड़ो पर ऊचाई बढ़ने से वातावरण में ऑक्सीजन का दबाब (प्रेशर) कम हो जाता है | और ऑक्सीजन की कमी महसुस हो ती है | अतः ऑक्सीजन का सिलेंडर एवं मास्क रखना आवश्यक है | धीरे धीरे शरीर उस वातावरण का अभ्यस्त होता है | 

४. ऊंचे पहाड़ो पर चढ़ने के बाद तीन दिनों तक शारीरिक श्रम नही करना है ,यह जानलेवा हो सकता है | तीन दिनों के बाद ही हल्का श्रम नही करना

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चाहिए | 
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५. पहाड़ पर उचाई बढ़ने से तापमान में कमी होता है | एक हज़ार मीटर उचाई बढ़ने से ६ डिग्री सेल्सियस के लगभग तापमान में कमी होता है| अतः गर्म कपड़ों का इंतज़ाम रखना जरुरी है | 

अस्वीकरण

यह लेख जनता में जागरुकता लाने एवं जानकारी हेतु लिखा गया है | इसके उपयोग के सारी जिम्मेदारी उपयोग कर्ता की होगी| 

इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|प्रस्तुत किसी जानकारी को इस्तमाल करने से पहले अपने विवेक का इस्तमाल करें | 


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