गुरु गोविन्द सिंह जयंती २०२ ४ | Guru Gobind Singh Jayanti २०२4

                        गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती २०२ ४  | Guru Gobind Singh Jayanti २०२4  

प्रस्तावना : आज के व्यस्त जीवन में हम लोग अपने व्रत त्यौहार को लगभग भुला गए हैं | यह लेख खास कर युवा में अपने व्रत त्यौहार के प्रति जागरूकता लाने के लिये है | इस आलेख को पढ़ने के बाद अपने महापुरूषो के प्रति जानकारी प्राप्त करने का रुचि विकसित होगा | इस लेख का यही  उद्देश है | 

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विषय सूची:

1.  गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  कब मनाया जाता है

2. गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  कँहा  मनाया जाता है

3. गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती का इतिहास        

4.  गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती कई नाम

5. गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती कैसे मनाया जाता है 

6.  गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  का महत्व 


                                        गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती ,  गुरु  गोविन्द  सिंह जी के   जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है | गुरु  गोविन्द  सिंह जी सिखों के दसवें गुरु हैं | गुरु जी  धर्मरक्षक ,कवि और एक महान योद्धा थे |  वे एक आद्यात्मिक गुरु एवं दार्शानिक थे |  गुरु नानक देव जे ने गुरु ग्रन्थ साहिब को पूर्ण किया |  अपना पूरा जीवन जनता के  लिय  अर्पित कर दिया |

                                     गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती कब मनाया जाता है

भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती का त्योहार उनमें बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है  खास करके सिख  भाईयों  के लिए |  गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती पौष माह के शुक्ल  पक्छ की सत्तमी तिथि मनाया जाता है |आज के ही  दिन १९६६ ईस्वी विक्रम संवत को  गुरु  गोविन्द  सिंह जी का जन्म हुआ था | इसी दिन  गुरु  गोविन्द  सिंह जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है 

इस वर्ष २०२4   में  गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  १७ जनवरी   को मनाया  जाना है | 

 गुरु  गोविन्द  सिंह  का जन्म बिहार राज्य की राजधानी पटना में हुआ था | सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर साहेब के इकलौती संतान थे | इनकी माता का नाम   गुजरी देवी था | बचपन में इनका नाम गोविन्द राय  था |  पटना में इनके जन्म स्थल को अब पटना साहेब कहते हैं | 

जन्म के बाद सिर्फ चार वर्ष तक गुरु पटना में रह पाए | इनके पिता एवं सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर साहेब ने धर्म परिवर्तन करने से इंकार कर दिया जिससे औरंगजेब ने उनका सर कलम करवा दिया | इसके बाद २९ मार्च १६७६ को गुरु गोबिंद सिंह जी को १० वा गुरु घोषित किया गया | इसके बाद से बचपन के गोबिंद राय ,गुरु गोविन्द सिंह जी कहलाने लगे | इस वक्त  गुरु  गोविन्द  सिंह  जी दस वर्ष के थे | 


                                     

                                          गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती कँहा  मनाया जाता है

   गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती विश्व में  सभी जगह मनाई जाती है , खास कर जिस स्थान पर सिख भाई रहतें हैं |  हिंदूओ का भी यह महत्वपूर्ण त्योहार हो जाता है | गुरुद्वारा को सजाया जाता है |इस दिन घर को गुरुद्वारों  को ,फूलों से सजाया जाता है ,दीपक जला कर रौशन करते है |  भक्त जान  गुरुद्वारा में भजन प्रार्थना किया जाता है ,पूजा अर्चना किया जाता है | शांति पूर्वक जुलुस का आयोजन किया जाता है | गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन होता है |   

गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती को भोजन वस्त्र  इत्यादि दान दिया जाता है | इस दिन किए गए दान पुण्य का बहुत महत्वपूर्ण होता है | 

इस दिन घर को फूलों से सजाया जाता है ,शाम को दीपक जला कर रौशन करते है |  

                                         गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  का महत्व 

  सिखों को  पांच ककार  धारण करने का आदेश  गुरु  गोविन्द  सिंह जी ने दिया ,जिसे धारण करना सभी सिखों के लिए  आवश्यक  है | सिख भाई इसका पालन करते हैं | 

आइए  जानते हैं  कि  वे पांच ककार  क्या हैं : 

१.  बाल -बिना कटे बाल २ कड़ा  कलाई पर पहनने के लिया स्टील या लोहा -धातु का कंगन ३. कच्छा - छोटा जांघिया ४. कृपाण छोटा  तलवार   एवं  ५. कंघा एक लकड़ी का कंघा  हैं | 

गुरु  गोविन्द  सिंह जी के जीवन से हमें बहुत प्रेरणा मिलती है | जैसे कि::

 कोई भी परिस्थिति  हो हिम्मत नहीं हारना है ,और कड़ी  मेहनत करना चाहिए| 

धर्म ग्रंथों का आदर करना एवं पढ़ना सुनना चाहिए

धर्म के अनुरूप आचरण करना चाहिए| 

धर्म के रक्षा हर हाल में करना चाहिए| धर्म के रक्षा में जान की भी प्रवाह नहीं करना चाहिए |  

वर्तमान पर ध्यान दे और भविष्य निर्माण का योजना पर काम करना चाहिए | 

यथा संभव जरूरतमंद एवं गरीबों के सहायता करना चाहिए

गुरु  गोविन्द  सिंह जी का आदेश है की अपनी कमाई का दसवां भाग दान करें |  

गुरु  के उपदेश  बहुत ही पवित्र  है | गुरु ग्रन्थ सिखों का सबसे पवित्र ग्रन्थ हैं | भारतवर्ष  एवं अन्य कई देशों के  जन- जन, कन -कन  में गुरु  गोविन्द  सिंह जी  रचे बसें हैं | हर वर्ष गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती में गुरु  गोविन्द  सिंह जी  के ज्ञान पर  आधारित व्याख्यान  का आयोजन कई जगहों में  किया जाता है जिससे गुरु  गोविन्द  सिंह जी के विचार का  ज्ञान प्राप्त होता है|  | गुरु  गोविन्द  सिंह जी भारतवर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है | गुरु  गोविन्द  सिंह जी हर नागरिक  के लिए  एक आदर्श हैं | 

चलिए हमलोग गुरु  गोविन्द  सिंह जी जयंती मनाते है | गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती सब को मुबारक हो |

                         गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती की हार्दिक बधाई | 

आपने किस तरह से गुरु  गोविन्द  सिंह जयंती  मनाई कमेंट कर मुझे बताये | अपने अमूल्य विचार से अवगत कराना न भूलें  | 

    लेख को पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यबाद | 

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अस्वीकरण

यह लेख जनता में जागरुकता लाने एवं जानकारी हेतु लिखा गया है | इसके उपयोग के सारी जिम्मेदारी उपयोग कर्ता की होगी| 

इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|प्रस्तुत किसी जानकारी को इस्तमाल करने से पहले अपने विवेक का इस्तमाल करें | 

इन्हें भी देखें  

 https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/05/janki-navami.html

https://knowledge-festival.blogspot.com/2022/04/2022-hanuman-janmotsav-2022.html


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