सम्राट अशोक| 2024| Samrat Ashok Jyanti

 

              सम्राट अशोक जयंती |2024| Samrat Ashok Jyanti

इस आलेख का मुख्य उद्देश्य भारतीय इतिहास के महान शासको तथा योद्धाओं के विषय में युवा एवं आम जनता को जानकारी देना है | आज के दौड़ भाग के जिंदगी में हम लोग भारतीए इतिहास के महान शासको तथा योद्धाओं को याद नही कर पाते है ,याद करने का वक्त नहीं मिलता है| सम्राट अशोक के प्रति लोगों में जागृती पैदा करने के लिए,बिहार सरकार ने सम्राट अशोक का जयंती के दिन सरकारी अवकाश घोषित कर रखा है | 
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सम्राट अशोक के जिंदगी से हमें बहुत सिख

परिचय: 

चक्रवर्ती सम्राट अशोक का 304 .पू वर्तमान बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था। सम्राट बिन्दुसार के पुत्र और मौर्य वंश के तीसरे राजा के रूप में जाने गये थे। चन्द्रगुप्त मौर्य की तरह ही उनका पोता भी काफी शक्तिशाली थापाटलिपुत्र नामक स्थान पर  जन्म लेने के बाद उन्होंने अपने राज्य को पुरे अखंड भारतवर्ष में फेलाया और पुरे भारत पर एक छत्र राज किया।

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एक योद्धा 

सम्राट अशोक का  परिवार:-

सम्राट अशोक चन्द्रगुप्त मौर्य  के वंशज थे  सम्राट अशोक का एक पुत्र बिन्दुसार था। जो की मौर्य वंश का तीसरा राजा और एक महान शासक था|  

सम्राट अशोक की माता का नाम शुभाद्रंगी था।

सम्राट अशोक की पत्नियां थी उनके नाम देवीकारुवाकीपद्मावतीतिष्यरक्षिता थे। सम्राट अशोक के पुत्र थे उनके नाम महेंद्रसंघमित्रातीवलकनालऔर एक पुत्री चारुमती थी।

सम्राट अशोक की शिक्षा:-

सम्राट अशोक जन्म से ही एक महान शासक थेउसके साथ ही वे ज्ञानी और महान शक्तिशाली शासक भी थे। महान सम्राट अशोक अर्थशास्त्र और गणित के महान ज्ञाता थेसम्राट अशोक ने शिक्षा के प्रचार के लिए कई स्कूल और कॉलेज की स्थापना भी की थी। सम्राट अशोक ने 284 .पू बिहार में एक उज्जैन अध्ययन केंद्र की स्थापना की थीइतना ही नहीं इन सबके अलावा भी उन्होंने कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना की

सम्राट अशोक  का  मृत्यु:-

सम्राट अशोक के जीवन का अंतिम समय पाटलिपुत्रपटना में ही बीता था। 40 वर्षो के शासन के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

सम्राट अशोक के महान कार्य

 सम्राट अशोक ने अपने जीवन काल में कई महान कार्य किये और उन्ही महान कार्यो के लिए उन्हें जाना जाता हैं।सम्राट अशोक का नाम भारतीय इतिहास के महान शासको तथा योद्धाओं में सबसे ऊपरहै।

सम्राट अशोक जयंती अष्टमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, इस वर्ष 16  अप्रैल,मंगलवार को अशोकअष्टमी मनाया जायेगा | 

   इस दिन - अशोकाष्टमी के दिन अशोक वृक्ष की पूजा का विधान है।

  प्राचीन समय के सबसे प्राचीन वंश मौर्य वंश के तीसरे राज्य अशोक मौर्य           विश्वप्रसिद और सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। सम्राट मौर्य ने 269 से 232 .पू तक शासन किया था। मौर्य वंश का यह राजा ही एक ऐसा राजा थाजिसने अखंड भारत पर राज किया था। भारत में मौर्य वंश की नींव रखने वाले इस राजा ने भारत के उत्तर में हिन्दुकुश से लेकर गोदावरी नदी तक राज्य का विस्तार किया था।  इसके साथ ही उनका राज्य बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान तक राज्य विस्तार था। सम्राट अशोक एक महान राजा होने के साथ धार्मिक सहिष्णु भी थे।

·    सम्राट अशोक  के निर्माण कार्य:-

महान अशोक के द्वारा निर्मित्त  शिलालेखों पर धर्मचक्र खुदा है | हमारे तिरंगा पर अशोक चक्र है ,जो अशोक के शिलालेखों पर धर्मचक्र से लिया गया है | 
अशोक चक्र मैडल' देश के सर्वोच्च वीरता पुरुस्कार है | 
हमारे तिरंगा पर अशोक चक्र

सम्राट अशोक का शासन तकरीबन पूरे तत्कालीन भारत मे था और सम्राट अशोक मौर्य भी अपने दादा चन्द्रगुप्त मौर्य की तरह ही जैन धर्म का अनुयायी था, उसने अपने जीवनकाल में कई भवन, स्तूप, मठ और स्तंभ का निर्माण करवाया। सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गये मठ और स्तूप राजस्थान के बैराठ में मिलते हैं इसके साथ ही साँची का स्तूप भी काफी प्रसिद्ध है।

 सम्राट अशोक का युद्ध:-

सम्राट अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 7 वे वर्ष ही कलिंग पर आक्रमण किया था, जिसमें बहुत खून खराबा हुआ। सम्राट अशोक के तेरहवें शिलालेख के अनुसार यह बताया गया हैं की इस युद्ध में दोनों तरफ से करीब 1 लाख लोगो की मौत हुई थी, और कई लोग इसमें घायल भी हुए थे। सम्राट अशोक ने इस नरसंहार को अपनी आंखों से देख काफी दुखी हुए। इस युद्ध से दुखी होकर सम्राट अशोक ने अपने राज्य में सामाजिक और धार्मिक प्रचार करना आरम्भ किया।

सम्राट अशोक के जिंदगी से सिख

सम्राट अशोक के जिंदगी से हमें बहुत सिख मिलता है | युद्ध से कुछ भी हासिल नहीं हो सकता है | सामाजिक और धार्मिक कार्यों से लोगो का दिल जीता जा सकता है,उन पर,उनके दिलो पर राज किया जा सकता है | इन कार्यो से अमरत्व प्राप्त होता है | 



              सम्राट अशोक जयंती की हार्दिक शुभकामनायें | 

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