गर्मी एवं लू से वचाव | "हीट स्ट्रोक

Boy drinking water (canva)



 

                                             गर्मी एवं लू  से वचाव 

  गर्मी का मौसम आ गया है | मौसम विभाग के अनुसार गर्मी इस बार समय से पहले आ गया है और तेज गर्मी ज्यादा दिन रहेगा | मौसम में इस बार बहुत बदलाव हो रहा है | तेज गर्मी ज्यादा दिन रहने का अनुमान है | 
गर्मी से होने वाले बिमारिओं से वचने का सलाह मौसम विभाग के द्वारा बार बार दिया जा रहा है | इस पर अमल करना जरुरी है | सरकार द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों का पालन करके आप स्वस्थ रह सकते है | 

इस आलेख में गर्मी से होने वाले बिमारिओं के विषय में हम लोग जानकारी प्राप्त करेंगे | तोआइये शुरु करते है | 
तेज गर्मी के कारण पहले तो "हीट क्रैम्प्स " होता है | इस में मांस पेशिओं में दर्द एवं एठन होना प्रांरभ होता है ,ध्यान नही देने पर यह बढ़कर "हीट सिंकोपे " हो जाता है | इस अवस्था में मरीज को  चक्र महसूस होता है,उल्टी होता है और  बेहोसी होने लगता है | अगर "हीट सिंकोपे " को भी नजरअंदाज किया गया तो "हीट स्ट्रोक " की स्थिति हो जायेगा | यह एक मेडिकल इमरजेंसी है ,तुरंत अच्छे ढंग से इलाज होने पर जान बच सकती है | 

इस तरह से हम देखते है की गर्मी से होने वाले बिमारिओं का अंतिम विन्दु हीट स्ट्रोक है | जो घातक हो सकता है | ज्यादा तर ज्यादा तापमान पर रहने से दस से पंद्रह मिनट पर ही हीट स्ट्रोक तेजी से हो सकता है | तेजी से होने वाले हीट स्ट्रोक ज्याद जान लेवा होता है | 

किन लोगो में यह जल्दी और ज्यादा होसकता है :

१. साठ वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में एवं पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे में | 
२. पुरुषों में 
३. कुपोषित में 
४. बीमार लोगो में जैसे मधुमेह ,उच्च रक्त चाप. लिवर ,किडनी ,हार्ट एवं फेफड़े के बीमारी |   
५. शराब या किसी और नशा करने वाले | 
६. दिन में गर्मी के समय  लगातार भारी काम या ब्यायाम करने | 
७. पूरा पानी नहीं पीने और खाली पेट करने वाले | 

हीट स्ट्रोक के लक्छण 

 १. शरीर का तापमान अधिक होना १०६ से १०८ डिग्री हो जाता है | 
 २ लाल गर्म सूखा त्वचा 
३। पसीना नहीं आना 
४. पेशाब कम होना या नहीं होना | 
५। मांस पेशिओं में दर्द एवं एठन होना| 
६। चक्र महसूस होता है,उल्टी होता है और  बेहोसी होने लगता है |
७। वेहोशी,कन्वल्शन चमकी आना 
८. तेज धड़कन ,तेज सांस 

रोक थाम 

हम लोग  जानते है की इलाज से बेहतर रोकथाम है ,अतः हमें रोकथाम पर ज्यादा ध्यान देना है | जैसे की 
१. जब ताप मान ज्यादा हो तो ठंढे जगह पे रहें | 
२. जब ताप मान ज्यादा हो तो अति जरूरी काम न हो तो घर से न निकले | 
३.बाहरी काम और कड़ी मेहनत से दोपहर में बचें | थोड़े थोड़े समय पर  ठंढे जगह पे आराम कर  के काम करें |  
४. धुप में छाता ,टोपी का इस्तमाल करें | सीधे धुप से बचें | 
५ हल्के ढीले सूती वस्त्र पहनें | 
६ नशा से परहेज करें | 
७. ज्यादा पानी का सेवन करें ,लवण युक्त पानी या एलेक्ट्रल का घोल लें | 
 

निष्कर्ष  

इस तरह इस भीषण गर्मी में आप अपने आप को एवं अपने परिवार को गर्मी के सितम कहर से बचा लिया तो यह हमारी बहुत बड़ी उप्लब्धि होगी | 
                                             आलेख पढ़ने के लिए धन्यवाद | 

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