चैत्र नवरात्रि २०२3 तारीख एवं समय | Chait Navratri 2023| Date | Hindi

 चैत्र नवरात्रि २०२3 तारीख एवं समय | Chait Navratri 2023| Date |  Hindi | 

इस लेख में हम चैत्र नवरात्रि के विषय में बहुत कुछ जानेंगे | चैत्र नवरात्रि कँहा कँहा होता है इसका महत्व एवं बहुत कुछ | 

Keywords : कन्या पूजन |कन्या भोज | कलश स्थापित  | माँ के रूप | चार नवरात्रि | गुप्त नवरात्रि | 


                                        


Table of contents

1. चैत्र नवरात्रि  कब मनाया जाता है

2.चैत्र नवरात्रि कँहा  मनाया जाता है

3.चैत्र नवरात्रि  का इतिहास

4.चैत्र नवरात्रि  कई नाम

5.चैत्र नवरात्रि  के पौराणिक कथा

6.चैत्र नवरात्रि   का महत्व 

                                                    चैत्र नवरात्रि  कब मनाया जाता है

भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, चैत्र नवरात्रि का त्योहार उनमें बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | यह चैत्र माह के शुक्ल  पक्छ से प्रारंभ होकर रामनवी तक चलती है |  भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, चैत्र नवरात्रि का त्योहार उनमें बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | 

इस वर्ष २०२3 में चैत्र नवरात्रि  २ 2 मार्च २०२३  से लगातार चैत्र नवरात्रि दशमी ३० मार्च  २०२२ तक मनाया जायेगा | दशमी को विजयादशमी मनाई जायगी | गर्मी के मौसम  शुरुआत  के साथ ही चैत्र नवरात्रि मनाया जाता है | यह चैत्र माह के शुक्ल  पक्छ से प्रारंभ होकर रामनवी तक चलती है |  भारतवर्ष में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, चैत्र नवरात्रि का त्योहार उनमें बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है | 

                                                    चैत्र नवरात्रि कँहा  मनाया जाता है

चैत्र नवरात्रि भारत वर्ष का एक बहुत महत्वपूर्ण  पर्व है,जिसे पुरे भारत वर्ष में मनाया जाता है | कुछ राज्यों में जैसे बिहार ,उतर प्रदेश ,असम, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में बहुत उत्साह से मनाया जाता है | अन्य राज्यों में भी इसे मनाया जाता है | इसके आलावा चैत्र नवरात्रि अन्य देशों जैसे अमेरिका ,कनाडा,इंग्लैंड में भी मनाया जाता है |

 चैत्र हिंदी कैलेंडर के अनुसार पहला महीना है | चैत्र नवरात्रि नए वर्ष के पहले दिन से शुरू होता है | इस दिन हिन्दू धर्म के अनुसार नए वर्ष के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है | गुजरात में नवरात्रि  डांडिया और गरबा के रुप में पुरे उत्साह से  मनाया जाता है |भारत के कई प्रदेश में नवरात्रि का पहला दिन ,नए वर्ष के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है | महाराष्ट्र में यह   'गुरु पर्व 'के रूप में ,कश्मीर में 'नवरेश ' के रूप में मनाया जाता है | 

                                                    चैत्र नवरात्रि  कई नाम

नवरात्रि के अन्य नाम : नराते ,नवरात इत्यादि हैं | 

नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है नौ रातें | इन दिनों माँ दुर्गा  शक्ति रुप के नौ रूपों में पूजा की जाती है एवं दसवां दिन दशहरा मनाया जाता है | चैत्र नवरात्रि में दसवां दिन रामनवमीं के रुप में मनाया जाता है | इस दिन भगवान राम का  जन्म हुआ था | भगवान राम को , विष्णु भगवान  का  सातवें अवतार  मन जाता है | 

नवरात्रि वर्ष  में चार बार में मनाया जाता है | एक नवरात्रि चैत्र में ,दूसरा पौष  में ,तीसरा असाढ और चौथा  नवरात्रि में मनाया जाता है | माघ माह में 'गुप्त नवरात्रि  मनाया जाता है | इसमें चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण  पर्व है। 

                                         चैत्र नवरात्रि  के पौराणिक कथा 

भारत में हर त्योहार के पीछे कोई न कोई पुरानी कहानियां होती हैं | उसी के अनुसार भारत वर्ष में त्योहार मनाया जाता है | चैत्र नवरात्रि वैदिक युग से ही मनाया जाता है |   

एक पौराणिक कथा चैत्र नवरात्रि  के विषय में है की, भगवान राम ने चैत्र माह में माँ दुर्गा  की उपासना कर शक्ति प्रताप किया और रावण पर विजय प्राप्त किया था ,इसी  के उप्लक्छ में  चैत्र नवरात्रि मनाया जाता है | ऐसा विश्वास किया जाता है कि नवरात्रि के समय माँ  पृथ्वी पर निवास करती हैं ,अपने भक्तों के बीच रहती हैं | इससे माँ  जल्दी प्रसन्न होती हैं | 

चैत्र नवरात्रि में भी शरद चैत्र नवरात्रि के तरह माँ भगवती माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना आराधना की जाती है | 

पहला दिन माँ शैलपुत्री | 

दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी

तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा 

चौथा दिन माँ कुष्मांडा  

पांचवा दिन माँ स्कंदमाता 

छठा दिन माँ कात्यानी 

सातवां दिन माँ कालरात्रि 

आठवां दिन माँ महागौरी 

नौवां दिन माँ सिद्धदात्री | 

                               चैत्र नवरात्रि   का महत्व 

  

वैसे तो माँ की साधना किसी भी  वक्त करने से माँ  प्रसन्न होकर आशिर्बाद देती हैं | परन्तु माँ की साधना खास कर अष्ट्मी एवं नौवमीं को करने से माँ  प्रसन्न होकर आशिर्बाद देती हैं | इन दिनों पूजा का ख़ास महत्ता है |अष्ट्मी एवं नौवमीं को कन्या पूजन जिसे कन्या भोज का बहुत महत्व है | बहुत जगह पर कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है | इसमें नौ बाल  कन्याओं (जो माँ के रूपों का दर्शाती हैं ) का पूजन किया जाता है |  

नवरात्रि किस तरह मनाते हैं ?

नवरात्रि  के पहले दिन कलश स्थापित कर के पूजा शुरु किया जाता है ,बाद में  माँ  की मूर्ति स्थापित किया जाता है | कुछ लोग घर पर कलश स्थापित कर के पूजा शुरु करते  है | पूजा  पंडाल में  माँ  की मूर्ति स्थापित किया जाता है,छठा दिन भक्तों के लिए पंडाल खोला जाता है | भक्तों की भीड़ माँ के दर्शन के लिए उमड़ परती है | दसवें दिन मूर्ति को प्रवाहित किया जाता है |   

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इन्हें भी देखें | https://knowledge-festival.blogspot.com/2021/10/maa-durga.html

अस्वीकरण %  इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार विभिन्न लेखों]संचार माध्यमों से लिए गए है और सभी सूचनाएँ मूल रुप से प्रस्तुत की गईं हैSaA व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार नहीं हैं तथा इसके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं हैमानवीय भूल ,टंकण भूल भी हो सकता है इसके लिए लेखक किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है|


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